गुलाम नबी आजाद एक भारतीय राजनीतिज्ञ और राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है . गुलाम नबी आजाद ,मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विपक्ष के नेता है . गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में भारत के संसदीय कार्य मंत्री थे .
नाम – गुलाम नबी आजाद.
जन्म – 7 मार्च 1949 .
स्थान – सोती ,जिला डोडा , जम्मू कश्मीर .
पिता – रहमतुल्लाह बट्ट .
माता – बसा बेगम .
पत्नी – शमीन देव आजाद .
पुत्र – सद्दाम .
पुत्री – सोफिया .
प्ररम्भिक जीवन –
गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को कश्मीर के डोडा जिले के सोती गांव में रहमतुल्ला बट्ट और बसा वेगम के घर हुआ था . गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय से जंतु विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई संपन्न की .1972 में कश्मीर विश्वविद्यालय से जूलॉजी में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री ली .
गुलाम नबी आजाद का व्यक्तित्व –
गुलाम नबी आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक तेज – तर्रार नेता के तौर पर जाने जाते है . गुलाम नबी आजाद ने अपने ज्ञान के आधार पर कई बार विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बोलती बंद की है . देश में गुलाम नबी आजाद की छवी एक ईमानदार ,कुशल राजनेता की है .
गुलाम नबी आजाद का राजनीतिक करियर –
1972 में ,कश्मीर विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद 1973 में वह कांग्रेस के सदस्य के तौर पर गुलाम नबी आजाद ने देश की सक्रिय राजनीति में कदम रखा . 1973 में कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद 1974-75 में भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के तौर पर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. यही से उनके जीवन राजनैतिक जीवन को सही दिशा मिलनी शुरू हो गई .
साल 1977 में, गुलाम नबी आजाद को डोडा जिले की कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया और बाद में वह अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव के पद पर नियुक्त हुए . इसके अलावा ,गुलाम नबी आजाद साल 1978 से 1981 तक ऑल इंडिया मुस्लिम यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे .
1980 में गुलाम नबी आजाद महाराष्ट्र के वाशिम लोक सभा क्षेत्र से सातनी लोक सभा के लिए चुने गए .
साल 1982 में गुलाम नबी आजाद ने पहली बार केन्द्रीय उपमंत्री के तौर पर कानून , न्याय और कंपनी मामलोंं के मंत्रालय संभाला फिर कुछ ही समय बाद राज्य मंत्री बने .
साल 1985 में गुलाम नबी आजाद वासिम निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गृह राज्य मंत्रालय और पोर्टफोलियों के पद से स्थानांतरित होकर खाद्य और नागरिक आपूर्ति के राज्य मंत्री के पद पर आसीन हुए .
साल 1990 में गुलाम नबी आजाद राज्यसभा के सदस्य बने और अगले साल गुलाम नबी आजाद को संसदीय कार्य के लिए कैबिनेट मंत्री के रूप में पी.वी नरसिम्हा राव के मंत्रालय में शामिल किया गया और बाद में पर्यटन और नागरिक उड्डयन का मंत्रालय सौपा गया .
साल 2002 में , जेकेपीसीसी के अध्यक्ष के रूप में उनके मार्गदर्शन में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में 21 सीटों पर जीत हासिल की और विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई . मनमोहन सरकार में गुलाम नबी आजाद संसदीय मामलों के मंत्री रहें . लेकिन 2007 में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद के कारण उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया . गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के श्री जी.एम सादिक और सैयद मीर कासिम के बाद तीसरे मुख्यमंत्री है . मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में वह स्वास्थ्य मंत्री बने .
गुलाम नबी आजाद से जुडे़ विवाद –
जून 2008 में , जम्मू कश्मीर की आजाद सरकार ने एक हिन्दू मंदिर के बोर्ड मेंं भूमि हस्तांतरण करने की योजना की घोषणा की , सरकार के इस फैसले से मुसलमानों में असंतोष फैल गया, जिसके परिणाम स्वरूप घाटी में हिन्दू मुस्लिम झगड़े हुए . जम्मू में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक गठबंधन दल के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने आजाद की सरकार से अपना समर्थन वापस ले आ . बहुमत साबित करने की जगह 7 जुलाई 2008 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया .
साल 2011 में, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुलाम नबी आजाद ने समलैगिकता को एक विदेशी बीमारी कहां ,जिसके बाद विपक्षी दलों ने उनके इस बयान की काफी आलोचना की .
स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए उन्होंने कई प्रकार के सुझाव दिए, जैसे अगर लड़कियों का विवाह 25-30 साल के बीच किया जाए तो इससे जनसंख्या वृद्धि को काफी हद तक कम किया जा सकता है . बहुत प्रशंसनीय रहे .
गुलाम नबी आजाद का चुनावी सफर –
- 1974-75 में , भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव बने .
- 1977 में, गुलाम नबी आजाद डोडा जिले की कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे .
- 1978,81 तक ऑल इंडिया मुस्लिम यूथ कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष रहें .
- 1980 में गुलाम नबी आजाद वाशिम से लोकसभा के लिए चुने गए.
- 1982 में , गुलाम नबी आजाद ने पहली बार केंद्र सरकार में उपमंत्री के तौर पर कानून , न्याय और कंपनी मामलों का मंत्रालय संभाला .
- 1985 में , गुलाम नबी आजाद ने वाशिम से दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीते .
- 1985 में, गुलाम नबी आजाद खाद्य और नागरिक आपूर्ति के राज्य मंत्री बने .
- 1990 में, गुलाम नबी आजाद राज्यसभा के सदस्य बने .
- 1991 में , गुलाम नबी आजाद संसदीय कार्य के लिए केबिनेट मंत्री बने .
- 1992 में , पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री बने .
- 2002 में , जेकेपीसीसी के अध्यक्ष के रूप में 21 सीटों पर जीत हासिल की .
- 2007 में , जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री पद संभाला .
- मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री रहें .