Karl Marx – एक जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री , इतिहासकार , राजनीतिक सिंद्धान्तकर , समाजशास्त्री ,पत्रकार और वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता थे . इनका पूरा नाम कार्ल हेनरिख मार्क्स था . Karl Marx एक यहूदी परिवार में 5 मई 1818 को त्रेवेश ( प्रशा ) में जन्मे थे . 1824 में इनके परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया .
आइए जानते हैं Karl Marx के अनमोल विचारों के बारे में.
1- ” धर्म का अंत होना ही लोगों की खुशी के लिए पहली आवश्यकता है .”
कार्ल मार्क्स .
2 – ” लोग क्या सोचेंगे , ये सोचकर अपने जूनून को मत छोड़ो .”
कार्ल मार्क्स .
3 – ” मजदूरों के पास अपनी जंजीरों के अलावा खोने को कुछ और नहीं है और उनके पास जीतने को पूरी दुनिया है .”
कार्ल मार्क्स .
4 – “समय सबकुछ है , इंसान कुछ भी नहीं .”
कार्ल मार्क्स .
5 – ” धर्म जनता के लिए अफीम की तरह है .”
कार्ल मार्क्स .
6 – ” पूँजी मृतश्रम है , जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है ,और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों का खून चूसता है .”
कार्ल मार्क्स .
7 – ” दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ , तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं है, सिवाय अपनी जंजीरों के .”
कार्ल मार्क्स .
8 – ” सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले सम्मान से मापी जा सकती है .”
कार्ल मार्क्स .
9 – ” नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर फेर करने की वस्तु है .”
कार्ल मार्क्स .
10 – ” इतिहास कुछ भी नही करता . उसके पास आपार धन नहीं होता, वे लड़ाइयांं नही लड़ता . वो तो इंसान है , वास्तविक , जीवित , जो ये सब करते हैं .”
कार्ल मार्क्स .
11 – ” अगर कोई चीज निश्चित है तो वे कि मैं खुद एक मार्क्सवादी नहीं हूँ .”
कार्ल मार्क्स .
12 – ” आजादी जरुरत की चेतना होती है , वह तब तक अंधी रहती है जब तक उसे होश न आ जाये . ”
कार्ल मार्क्स .
13 – ” बड़ी मात्रा में उपयोग की चीजों का उत्पादन का परिणाम बहुत सारे बेकर लोग होते हैं .
कार्ल मार्क्स .
14 – ” अमीर गरीब के लिए कुछ भी कर सकते है ,लेकिन उनके ऊपर से हट नहीं सकते .”
कार्ल मार्क्स .
15 – ” बिना किसी शक के मशीनों ने सम्रद्ध आलसियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ा दी है .”
कार्ल मार्क्स .
16 – ” बिना उपयोग की वस्तु हुए किसी चीज की कीमत नहींं हो सकती .”
कार्ल मार्क्स .
17 – ” चिकित्सा संदेह तथा बीमारी को भी ठीक करती है .”
कार्ल मार्क्स .
18 – ” इतिहास खुद को दोहराता है , पहले एक त्रासदी की तरह , फिर एक मजाक की तरह .”
कार्ल मार्क्स .
19 – ” जीने और लिखने के लिए लेखक को पैसा कमाना चाहिए , लेकिन किसी भी सूरत में उसे पैसा कमाने के लिए जिना और लिखना नहीं चाहिए .”
कार्ल मार्क्स .
20 – ” लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है .”
कार्ल मार्क्स .
21 – ” यूरोप को एक काली छाया सता रही है , साम्यवाद की छाया .”
कार्ल मार्क्स .
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धन्यवाद .
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