अजीम हाशिम प्रेमजी एक भारतीय व्यापार टाइकून , निवेशक और परोपकारी है , जो विप्रो लिमिटेड के अध्याक्ष है . उन्हें अनौपचारिक रुप से भारतीय आईटी उघोग के बादशाह के रूप में जाना जाता है .
भारत में स्कूल शिक्षा में के लिए प्रेमजी ने 2 अरब अमेरिकी डॉलर दान किए थे यह दान भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा दान है .
आइए जानते हैं विप्रो अध्यक्ष और भारत के सबसे बड़े दान दाता अजीम हाशिम प्रेमजी के विचारों के बारे में .
1 – ” भारत को आगे ले जाने का एक मात्र तरीका शिक्षा है . हालाँकि ,आज लाखों बच्चे है जो स्कूल नहीं जाते हैं .”
अजीम प्रेमजी.
2 – ” यदि लोग आपके लक्ष्य पर हँस नही रहें , मतलब आपने बहुत छोटा लक्ष्य निर्धारित किया है .”
अजीम प्रेमजी.
3 – ” प्रतिभा की उचित उपलब्धता की कमी हर जगह है . इसलिए हम गैर – इंजीनियर्स को विप्रो में इंजीनियर बनने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं .”
अजीम प्रेमजी.
4 – ” मुझे सही में नही पता है कि वैश्विक स्तर पर कितनी कंपनिया है , जो वास्तव में वैश्विक है .”
अजीम प्रेमजी.
5 – ” नेतृत्व अपने से अधिक कुशल व्यक्ति के साथ कार्य करने का आत्मविश्वास है .”
अजीम प्रेमजी.
6 – ” एक शिक्षित बेटी , परिवार नियोजन , स्वास्थ्य देखभाल और अपने बच्चोंं की शिक्षा के प्रति अधिक जागरुक होगी .”
अजीम प्रेमजी.
7 – ” मुद्रास्फीति गरीबी रेखा को ऊपर ले जा रही है , और गरीबी केवल आर्थिक रूप से ही नहीं होती बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा से भी होती है .”
अजीम प्रेमजी.
8 – ” आप व्यवसाय में इसके सौंदर्यकरण के लिए नहीं जा रहें हैं .”
अजीम प्रेमजी.
9 – ” सफलता दो बार प्राप्त करनी होती है . एक बार मन में और दूसरी बार वास्तविक दुनिया में .”
अजीम प्रेमजी .
10 – ” जब बाहरी दुनिया की परिवर्तन दर , आपकी परिवर्तन दर से अधिक है , तो सुनिश्चित कर ले कि आपका अंत निकट है .”
अजीम प्रेमजी.
11 – ” यह बेहद जरूरी है कि हमे अपने अंदर छुपे उन गुणों और ऊर्जा का पूरा अहसास होना चाहिए .”
अजीम प्रेमजी.
12 – ” कभी – कभी आप अपने जीवन में इतना कुछ प्राप्त कर लेते हैं कि खुद यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं क्या मैं इसके योग्य हूँ .”
अजीम प्रेमजी.
13 – ” जीत उन्हीं लोगों के भाग्य में होती है जिन्हें अपनी जीत का भरोसा होता है …देर सवेर , लोग अपनी सफलता की चाबी खुद ही होते है .”
अजीम प्रेमजी.
14 – ” सफलता खुशी का कारण होती है लेकिन हमें इसे अपने ऊपर इस तरह हावी नहीं होने देना चाहिए कि अहंकार बन जाए .”
अजीम प्रेमजी.
15 – ” मेहनत से कमाया हुआ एक रुपया अपनी कीमत व कदर के उन दस रुपयों से बेहतर है जो हमें बिना प्रयास के प्राप्त हुए है .”