Friedrich Nietzsche को जर्मन के महान दार्शनिकों में गिना जाता है . Friedrich Nietzsche अपने विचारों में न केवल ईश्वर पर कटाक्ष करते हैं बल्कि कटाक्ष का कारण भी बताते हैं .
आइए जानते हैं Friedrich Nietzsche के महान विचारों के बारे में जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे .
1 – ” ईश्वर हर समय अपनी तारीफ सुनना चाहता है वो हर समय यही चाहता है कि लोग कहें हे ईश्वर , तू कितना महान है . मैं ईश्वर को नही मानता .”
Friedrich Nietzsche.
2 – ” सत्य को न जानने की इच्छा ही आस्था है .”
Friedrich Nietzsche.
3 – ” ईश्वर एक विचार है , जो हर सीधी – साधी चीज को जटिल चीज में तब्दील कर देता है .”
Friedrich Nietzsche.
4 – ” क्या इंसान ईश्वर की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है ? या फिर ईश्वर ही इंसान की सबसे बड़ी गलती है ? .”
Friedrich Nietzsche.
5 – ” भय नैतिकता की मां है . इंसान नैतिक रहता है क्योंंकि वह भयभीत है .”
Friedrich Nietzsche.
6 – ” ओह , ये औरते ; ये ऊँचे इंसान को और ऊँचा बना देती हैं और नीचे को और नीचे गिरा देती है .”
Friedrich Nietzsche.
7 – ” असंभव है बिना भूले जी पाना .”
Friedrich Nietzsche.
8 – ” मुझे केवल कागज और पेन चाहिए और तब मैं दुनिया को उलट सकता हूँ .”
Friedrich Nietzsche.
9 – ” प्यार से किया गया काम हमेशा अच्छे और बुरे से परे होता है .”
Friedrich Nietzsche.
10 – ” जिसके पास जीने का मकसद है वो कुछ भी सहन कर सकता है .”
Friedrich Nietzsche.
11 – ” मेरे दुखी होने का कारण यह नही है कि तुमने मुझसे झूठ बोला , मैं दुखी हूँ कि मैं अब तुम पर भरोसा नही कर सकता .”
Friedrich Nietzsche.
12- ” बिना संगीत के जीवन एक गलती है .”
Friedrich Nietzsche.
13 – ” दोस्ती की वजह से शदियां दुखदायी बनती है न कि प्यार की कमी की वजह से .”
Friedrich Nietzsche.
14 – ” सच क्या है , सहमत हुआ एक झूठ .”
Friedrich Nietzsche.
15 – ” जब भी मैं किसी धार्मिक व्यक्ति के सम्पर्क में आता हूँ इसके बाद मुझे लगता है अपने हाथ धो लेने चाहिए .”
Friedrich Nietzsche.
16 – ” मौन बदतर है ; सभी सत्य जिन्हें मौन रखा जाता है जहरीले बन जाते हैं .”
Friedrich Nietzsche.
17 – ” अदृश्य धागे वास्तव में सबसे मजबूत बंधन होते हैं .”
Friedrich Nietzsche.
18 – ” दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं , वो जो जानना चाहते हैं
और वो जो यकीन करना चाहते हैं . ”
Friedrich Nietzsche.
19 – ” प्यार में हमेशा कुछ पागल पन होता है , लेकिन पागल पन में हमेशा कोई कारण होता है .”
Friedrich Nietzsche.
20 – ” सारी समझदारी , सत्य के सभी सबूत सिर्फ चेतना से , अपनी खुद की सोचने – परखने की क्षमता से हासिल किए जा सकते हैं .”