कट्टर नास्तिक पेरियार का जन्म 17 सितंबर 1879 में तमिलनाडु में हुआ था. इनका पूरा नाम ईवी रामास्वामी नायकर था ये महात्मा गांधी जी से भी प्रभावित थे .
आजादी से पहले और इसके बाद के तमिलनाडु में पेरियार का गहरा प्रभाव रहा है और राज्य के लोग इनका कही अधिक सम्मान करते हैं . उनके अनुयायियों ने वैवाहिक अनुष्ठानों को चुनौती दी , शादी के निशान के रुप में मंगलसूत्र पहनने का विरोध किया. उन्हें एक महिला सम्मेलन में ही पेरियार की उपाधि प्रदान की गई. पेरियार ब्राह्मणों के वर्चस्व को तोड़ना और जाति प्रथा ,ऊंच नीच को खत्म करना चाहते थे. हिंदु धर्म में अंधविश्वास और भेदभाव की वैदिक जड़ों को कटना ही उनका उद्देश्य था .
आइए जानते हैं कट्टर नास्तिक Periyar के अनमोल विचारों के बारे में.
1- ” दुनिया के सभी संगठित धर्मों से मुझे सख्त नफरत है .”
Periyar.
2- ” लोगों को सबसे निचली जातियों के रुप में प्रस्तुत करने के लिए धर्म या ईश्वर या धार्मिक सिद्धांतो को सहारा लेना बेतुका है .”
Periyar.
3- ” एक पुरुष को अनेक शादी करने का अधिकार है , क्योंंकि वह इससे प्रसन्न होता है. इस प्रथा के कारण वेश्यावृति हुई है .”
Periyar.
4- ” आप धार्मिक व्यक्ति से किसी भी तर्कसंगत विचार की उम्मीद नहीं कर सकते . वह पानी में लंबे समय से पत्थर मार रहा है .”
Periyar.
5- ” ब्राह्मणों के पैरों पर क्यो गिरना ? क्या वे मंदिर हैं ? क्या वे त्यौहार है ? नही , वे ये सब कुछ भी नही हैं . हमें बुद्धिमान व्यक्ति की तरह व्यवहार करना चाहिए यही प्रार्थना का सार है .”
Periyar.
6- ” पैसा उधार देना एक भयानक पेशा है . मैं इसे कानूनन लूट कहकर संबोधित करुंगा .”
Periyar.
7- ” ब्राह्मणों को बदलते समय पर गंभीर ध्यान रखना चाहिए और एक जाग्रत जीवन जीना शुरु करना चाहिए.”
Periyar.
8- ” केवल शिक्षा , स्वाभिमान और संबंधपारक गुणधर्म ही दलितों का उत्थान करेंगे .”
Periyar.
9- ” मैंने सब कुछ किया. मैंने सभी देवी – देवताओं की मूर्तीयां तोड़ डाली .सभी की तस्वीरों को जला दिया . मेरे ये सब करने के बाद भी मेरी सभाओं में मेरे भाषण सुनने के लिए यदि हजारों की गिनती मेन लोग आते हैं तो इसका मतलब है कि स्वाभिमान तथा बुद्धि का अनुभव होना जनता में , जाग्रति का संदेश है .”
Periyar.
10- ” शास्त्र, पुराण और उनमें दर्ज देवी – देवताओं मेंं मेरी कोई आस्था नहीं है , क्योंंकि वे सारे के सारे दोषी है . मैं जनता से उन्हें जलाने तथा नष्ट करने की अपील करता हूँ .”
Periyar.
11- ” ब्राह्मण हमें अंधविश्वास मे निष्ठा रखने के लिए तैयार करता है. वो खुद आरामदायक जीवन जी रहा है . तुम्हें अछूत कहकर निंदा करता है. मैं आपको सावधान करता हूँ कि उनका विश्वास मत करों .”
Periyar.
12- ” सभी मनुष्य समान रूप से पैदा हुए हैं तो अकेले ब्राह्मण उच्च व अन्य को नीच कैसे ठहराया जा सकता है? “
Periyar.
13- ” आप अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई क्यो इन मंदिरों में लुटाते हो . क्या कभी ब्राह्मणों ने इन मंदिरों , तालाबों या अन्य परोपकारी संस्थाओं के लिए एक रुपया भी दान किया ? “
Periyar.
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धन्यवाद .
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