Ibn Arabi एक रहस्यवादी , दार्शनिक , कवि और सूफी थे . Ibn Arabi को मुस्लिम दुनिया में शैखे अकबर के लफ्ज से पहचाना जाता है . तो वहीं पश्चिमी दुनिया ने उन्हें ग्रेटेस्ट मास्टर का नाम दिया . Ibn Arabi का जन्म 1165 ईस्वी में अंडालूसी स्पेन की मूरिश संस्कृति में हुआ था . Ibn Arabi की आध्यात्मिक उपलब्धि कम उम्र में ही स्प्ष्ट हो गई थी, और वे एक महान शिक्षक होने के साथ साथ अपनी महान दूरदर्शिता के लिए प्रसिद्ध थे .
आईए जानते हैं महान मुस्लिम जगत के महान दार्शनिक ,सूफी ,और कवि Ibn Arabi के विचारों के बारे में .
1- ” जो लोग गुजरे हुए कल में जीते हैं , वह अपनी जिम्मेदारियों से भागना चाहते हैं .”
Ibn Arabi.
2 – ” प्रेम मेरा रास्ता है, जहां भी कारवां चलता है , वह मेरा विश्वास , मेरा भरोसा है .”
Ibn Arabi.
3 – ” यदि मनुष्य स्वयं को जानते हैं, तो वे ईश्वर को जानते हैं , और यदि वे वास्तव में ईश्वर को जानते है, तो वे उससे सन्तुष्ट होंगे और अकेले मे ईश्वर के बारे में सोचेंगे .”
Ibn Arabi .
4 – ” अगर बीज मिट्टी में नही मिलेगा तो फल कैसे पैदा होंगे .”
Ibn Arabi .
5 – ” अपने वतन से प्यार करना हकीकत में यकीन का ही एक हिस्सा होता है .”
Ibn Arabi .
6 – ” उम्मीद से पहले यकीन की जरुरत होती है .”
Ibn Arabi .
7 – ” जिस रास्ते पर चलने में मुश्किल हो , वो सच और यकीन का रास्ता नहीं हो सकता.”
Ibn Arabi .
8 – ” ज्यादा की अपेक्षा म़े कम चुनें . जो आपके पास है उससे सन्तुष्ट रहें , भले ही वह दूसरों से कम हो .”
Ibn Arabi .
9 – ” तुम जो लगाओगे , तुम वहीं काटोगे .”
Ibn Arabi .
10 – ” मैं खुद के अलावा किसी और के साथ प्यार में हूँ , और मेरी जुदाई मेरा मिलन है ….मैं अपनी प्रेमिका और अपना प्रेमी हूँ .”
Ibn Arabi .
11 – ” परंपरा से हमारे पास जो कुछ बचा है वह शब्द है . यह हम पर निर्भर है कि वे इसका क्या मतलब निकालते हैं .”
Ibn Arabi .
12 – ” जब आप जीवित होते हैं, तो आपका सांसारिक स्वयं अल्लाह के इनामों से होने वाले लाभों के एक कलेक्टर की तरह होता है , जो आपके हाथों में अनगिनत से आते है .”
Ibn Arabi .
13 – ” मैं प्रेम के धर्म में विश्वास करता हूँ , यात्रा चाहे किसी भी दिशा में हो , प्रेम के लिए मेरा धर्म और मेरा विश्वास है .”
Ibn Arabi .
14 – ” जब भगवान अपनी इच्छाओं से जकड़े होते हैं , तो वे इच्छाओं को कैसे बदल सकते है .”
Ibn Arabi .
15 – ” मैं प्यार के रास्ते पर चलता हूँ , और जह़ा प्यार का कारवां चलता है वहा मेरा धर्म , मेरा विश्वास है .”
Ibn Arabi .
16 – ” तुम मेरी दृष्टि हो इसलिए विश्वास है . तुम मेरा चेहरा है , इसलिए खुद पर पर्दा डाल लो .”
Ibn Arabi .
17 – ” भगवान चट्टान में सोते हैं , पौधे में सपने देखते हैं , जानवर में हठ करते हैं , और मनुष्य में जागते हैं .”
Ibn Arabi .
18 – ” अगर सवाल मुश्किल है तो जवाब मत दो , सवाल करने वाला पहले से भरा हुआ है , उसके पास जवाब की जगह नहीं है.”
Ibn Arabi .
19 – ” आप की व्यक्तिगत प्रकृति यह स्वर्ग चाहती है .”
Ibn Arabi .
20 – ” ईश्वर आपकी सोच से बड़ा है आप उसे किसी एक यकीन में नहीं जकड़ सकते .”