Lgottfried Leibniz – जर्मन के दार्शनिक , वैज्ञानिक , गणितज्ञ , राजनयिक , भौतिकविद , इतिहासकार , राजनेता , विधिकार थे . गणित के इतिहास तथा दर्शनशास्त्र के इतिहास में Lgottfried Leibniz का प्रमुख स्थान है . उन्होंने गणित यंत्र शास्त्र, ऑप्टिकस , हैड्रोस्टेहिक्स , न्यूमैटिक्स तथा नौटिकल साइंस जैसे विषयों से संबंधित अनेक शोध य़त्र प्रकाशित किये . इन शोधों मेंं सबसे प्रमुख था कैलकुलेटिंग मशीन का अविष्कार .
आइए जानते हैं जर्मन के महान दार्शनिक और गणितज्ञ Lgottfried Wilhelm Leibniz के विचारों के बारे में.
1- ” जिसने कड़वी चीजों का स्वाद नहीं चखा हैं वह कभी मीठी चीजें नहीं खा सकता है .”
2 – ” वर्तमान , अतीत और भविष्य के साथ गर्भ में है .”
Lgottfried Leibniz.
3 – ” आप जो करना चाहते हैं, वही करें . आपको वह मिलेगा , जो आप चाहते है .
Lgottfried Leibniz.
4 – ” अस्तित्व के लिए सब कुछ संभव है.”
Lgottfried Leibniz.
5 – ” संगीत आत्मा का एक छिपा हुआ अंकगणित व्यायाम है .”
Lgottfried Leibniz.
6 – ” जीवन की महानता का अनुमान केवल आपके कार्योंं की संख्या से लगाया जा सकता है . हमे वर्षों की गणना नहींं करनी चाहिए, वह हमारे कार्य हैं जो हमारे जीवन का निर्माण करते हैं .”
Lgottfried Leibniz.
7 – ” बिना कारण के कुछ भी नहीं है .”
Lgottfried Leibniz.
8 – ” सदगुण ज्ञान के अनुसार कार्य करने की आदत है .”
Lgottfried Leibniz.
9 – ” क्योंं कुछ भी नहीं है , जो कुछ भी है .”
Lgottfried Leibniz.
10 – ” वास्तविक और बुद्धिमान की तुलना में वास्तविक और मूर्ख होना आसान है .”
Lgottfried Leibniz.
11 – ” शिक्षा को मेरे अधीन कर दो , और मैं पूरी दुनिया को बदलने का काम करुंगा .”
Lgottfried Leibniz.
12 – ” एक महान डॉक्टर एक महान सेनापति से अधिक लोगों को मारता है .”
Lgottfried Leibniz.
13 – ” साधारण पदार्थोंं में एक मोनाड का दूसरे पर प्रभाव केवल आदर्श होता है .”
Lgottfried Leibniz.
14 – ” मैं वास्तविक एकता के साथ किसी भी वास्तविकता की कल्पना नहीं करता हूँ .”
Lgottfried Leibniz.
15 – ” Possible शब्द दुनिया में सबसे अच्छा है .”
Lgottfried Leibniz.
16 – ” कुछ न होने से कुछ होना अच्छा है .”
Lgottfried Leibniz.
17 – ” हर एक एहसास सच्चाई की धारणा है .”
Lgottfried Leibniz.
18 – ” कुछ भी आवश्यक नहीं है जिसके विपरीत संभव हो .”
Lgottfried Leibniz .
19 – ” कोई भी वह जो अभिनय नहीं करता है वह मौजूद नहीं है .”
Lgottfried Leibniz.
20 – ” सभी शरीर नदियों की तरह सदा के लिए बहते रहते हैं, ओर उनके अंदर और बाहर लगातार लहरे आती रहती हैं .”
Lgottfried Leibniz.
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